जींद : धान उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है। किसान अपने खेत में धान की सीधी बिजाई कर 3500 से 4000 रुपये तक प्रति एकड़ खर्च को कम कर सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने जिला के धान पैदा करने वाले किसानों को सलाह दी है कि वे वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए तरीकों व तकनीकों को अपनाएं और कम खर्च से धान की अच्छी पैदावार लें।
बिना पौध रोपण किए खेत में बीज द्वारा फसल की बिजाई करना धान की सीधी बिजाई कहलाती है। सीधी बिजाई की दो विधियां है। पहली विधि में खेत को तैयार करके सिंचाई की जाती है और बत्तर आने पर बिजाई सीड फर्टिलाइजर मशीन से धान के बीज की बिजाई की जाती है। दूसरी विधि में सूखे खेत को तैयार करके ड्रिल मशीन द्वारा धान के बीज की सीधी बीजाई कर दी जाती है। बिजाई के तुरंत बाद सिंचाई की जाती है और बीज के अंकुरित होने तक खेत को गीला रखना जरूरी है।
इस विधि से धान की बिजाई करने से पौधो का फुटाव भी पौध से लगाई गई फसल के बराबर रहता है और पौध से धान की फसल रोपाई के लिए नर्सरी तैयार करने, खेत तैयार करने इत्यादि खर्चे की बचत हो जाती है। इतना ही नहीं धान की सीधी बिजाई से किसान 30 से 35 प्रतिशत पानी की बचत भी करता है। इधर कम खर्च में धान की अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि विभाग द्वारा कवायद शुरू कर दी गई है।
----------------------------
दो वर्ष से कर रहे सीधी धान की बिजाई
जलालपुर कलां गांव के रोहताश व नरेश तथा ईक्कस गांव के गोपीराम नामक किसान पिछले दो वर्षों से अपने खेत में सीधी धान की बिजाई कर रहे है। इस किसानों के खेतों पर कृषि विभाग की टीम लगातार भ्रमण कर रही है। वहीं राजपुरा गांव के राजेंद्र नामक किसान के खेत में धान की फसल की सीधी बिजाई मशीन से की गई।
----------------------------
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
उपमण्डल कृषि अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मलिक, खंड कृषि अधिकारी डॉ. जेपी शर्मा, कृषि अधिकारी कमल सैनी, डॉ. राजेंद्र शर्मा की टीम ने किसान के खेत पर धान की सीधी बिजाई कराई। डॉ. सुरेन्द्र ने बताया कि इस विधि से कम खर्च में धान की अच्छी पैदावार ली जा सकती है। इस बिजाई विधि से पौधो में फुटाव भी अच्छा रहता है। कृषि विकास अधिकारी डॉ. कमल सैनी ने बताया कि 10 से 30 जून तक का समय धान की सीधी बिजाई के लिए उत्तम है। बासमती समूह के लिए 8-10 किलो तथा गैर बासमती समूह के लिए 10-12 किलो प्रति एकड़ बीज डाला जाना चाहिए। कृषि विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सीधी बिजाई की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है।
----------------------------
वर्जन
धान की सीधी बिजाई से किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये तक फायदा होता है। किसानों को कम खर्च करना पड़ता है। जिले के किसानों का इस तरफ रुझान बढ़ रहा है।
डॉ. रामप्रताप सिहाग, कृषि उप निदेशक
बिना पौध रोपण किए खेत में बीज द्वारा फसल की बिजाई करना धान की सीधी बिजाई कहलाती है। सीधी बिजाई की दो विधियां है। पहली विधि में खेत को तैयार करके सिंचाई की जाती है और बत्तर आने पर बिजाई सीड फर्टिलाइजर मशीन से धान के बीज की बिजाई की जाती है। दूसरी विधि में सूखे खेत को तैयार करके ड्रिल मशीन द्वारा धान के बीज की सीधी बीजाई कर दी जाती है। बिजाई के तुरंत बाद सिंचाई की जाती है और बीज के अंकुरित होने तक खेत को गीला रखना जरूरी है।
इस विधि से धान की बिजाई करने से पौधो का फुटाव भी पौध से लगाई गई फसल के बराबर रहता है और पौध से धान की फसल रोपाई के लिए नर्सरी तैयार करने, खेत तैयार करने इत्यादि खर्चे की बचत हो जाती है। इतना ही नहीं धान की सीधी बिजाई से किसान 30 से 35 प्रतिशत पानी की बचत भी करता है। इधर कम खर्च में धान की अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि विभाग द्वारा कवायद शुरू कर दी गई है।
----------------------------
दो वर्ष से कर रहे सीधी धान की बिजाई
जलालपुर कलां गांव के रोहताश व नरेश तथा ईक्कस गांव के गोपीराम नामक किसान पिछले दो वर्षों से अपने खेत में सीधी धान की बिजाई कर रहे है। इस किसानों के खेतों पर कृषि विभाग की टीम लगातार भ्रमण कर रही है। वहीं राजपुरा गांव के राजेंद्र नामक किसान के खेत में धान की फसल की सीधी बिजाई मशीन से की गई।
----------------------------
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
उपमण्डल कृषि अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मलिक, खंड कृषि अधिकारी डॉ. जेपी शर्मा, कृषि अधिकारी कमल सैनी, डॉ. राजेंद्र शर्मा की टीम ने किसान के खेत पर धान की सीधी बिजाई कराई। डॉ. सुरेन्द्र ने बताया कि इस विधि से कम खर्च में धान की अच्छी पैदावार ली जा सकती है। इस बिजाई विधि से पौधो में फुटाव भी अच्छा रहता है। कृषि विकास अधिकारी डॉ. कमल सैनी ने बताया कि 10 से 30 जून तक का समय धान की सीधी बिजाई के लिए उत्तम है। बासमती समूह के लिए 8-10 किलो तथा गैर बासमती समूह के लिए 10-12 किलो प्रति एकड़ बीज डाला जाना चाहिए। कृषि विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सीधी बिजाई की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है।
----------------------------
वर्जन
धान की सीधी बिजाई से किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये तक फायदा होता है। किसानों को कम खर्च करना पड़ता है। जिले के किसानों का इस तरफ रुझान बढ़ रहा है।
डॉ. रामप्रताप सिहाग, कृषि उप निदेशक
Comments
Post a Comment