भाई दूज पर्व भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है. इस पर्व को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि के दिन मनाया जाता है. पर्व के दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और भगवान से भाइयों की लंबी आयु की कामना करती हैं, फतेहाबाद में भी आज भाई दूज का पर्व बहनो ने हर्षोउल्लास से मनाया, किसी-किसी जगह पर इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती भी उतारती हैं और फिर हथेली में कलावा बांधती हैं. भाई का मुंह मीठा करने के लिए भाइयों को मिश्री या मिठाइयां खिलाती हैl
भाई दूज के पीछे ये हैं मान्यता : मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देव की उपासना करता है, उसे असमय मृ्त्यु का भय नहीं रहता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके जीवन की मंगल कामना करती हैं. माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में अगर भाई और बहन साथ में यमुना नदी में स्नान करें तो भाई और बहन का रिश्ता हमेशा बना रहता है और भाई की उम्र बढ़ती है. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता हैl
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