उसने वर्ष ख्००ऽᅠमें अमेरिका के राष्ट्रपति के विमान के हाइजैकᅠसे संबंधित फिल्म एयरफोर्सक् या देチाी, उसके मन में विमान हाइजेकिंगᅠरोकने के लिए कुछ करने की तमन्ना जाग उठी और उसने लगाग एक साल की मेहनत के बाद विमान हाइजेकिंगᅠरोकने के लिए प्लेन एंटी हाइजेकᅠटेनालाजी (पीएएचटी) बनाकर उसका ल्यूᅠप्रिंट तैयार कर लिया है। हम बात कर रहे हैं ािवानीᅠजिले के तालूᅠगांव निवासी अशोक पंघालᅠकी। अशोक का दावा है कि उसने जो ल्यूᅠप्रिंट तैयार किया है, उसे अमल में लाने के बाद विमान हाइजेकिंगᅠपर पूरी तरह से रोक लग सकती है। बृहस्पतिवार को जींदᅠमें दैनिक जागरण से एक チाास बातचीत में हांसी स्थित कोआपरेटिव सोसाइटी में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत मात्र ख्ब्ᅠसाल के अशोक ने बताया कि एयरफोर्सक् फिल्म देチाने के बाद उसे विमान हाइजेकिंगᅠरोकने की ललक उठी और इसके लिए उसने दर्जनों बार दिल्लीमुंबई, दिल्लीचेन्नई व दिल्लीगोवा विमान में सफर ाी किया। इसके बाद उसने ख्००ऽᅠमें ही फार्मूला बनाना तैयार किया। उसका दावा है कि यह फार्मूला हार्डवेयर व साटवेयर के कंबीनेशनᅠसे बना है और उसे कोपिटᅠसे पायलट, कोपायलट संचालित करेंगे। उसने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि विमान के कोपिटᅠमें उसका बनाया हुआ साटवेयर लगा होगा, जोकि मोनिटरᅠसे संचालित होगा जबकि अन्य हार्डवेयर व साटवेयर केबिन में लगा होगा। इसके अलावा विमान की जरूरत के अनुसार केबिन में सीसीटीवीᅠकैमरों को ाी लगाया जाएगा। यदि कोई आतंकी विमान में घुसकर उसे हाइजेकᅠकरना चाहेंगे तो कोपिटᅠमें बैठे हुए पायलट व कोपायलट कोपिटᅠसे इसे आपरेट करेंगे और सीसीटीवीᅠफुटेजᅠसे केबिन में होने वाली हरकतों को देチाते हुए कोपिटᅠमें लगे पीएएचटीᅠफार्मूला को एटीवेटᅠकरेंगे। एटीवेटᅠहोने के दो सेकेंड में ही यह फार्मूला अपना काम करना शुरू कर देगा। इससे केबिन में लगे हार्डवेयर व साटवेयर की सहायता से हाईजेकर्सᅠको बेहोश या फिर उसके स्नायु तंत्रों पर प्रहार किया जाएगा, जिससे हाइजेकर्सᅠकुछ ाी करने की स्थिति में नहीं रहेंगे। सुरक्षा कारणों से केबिन में लगे हार्डवेयर व साटवेयर या काम करेगा, अशोक ने यह बताने से साफ इंकार कर दिया। उसका कहना है कि केबिन में लगे हार्डवेयर व साटवेयर के जरिए गैस, विकीकरणᅠया आधुनिक हथियार जैसी कोई चीज निकाली जाएगी, लेकिन उन्होंने इसका पूरा チाुलासा नहीं किया। उन्होंने बताया कि उनका यह फार्मूला यात्रियों की सुरक्षा को देチाते हुए डिजाइन किया गया है। अशोक का कहना है कि केबिन में लगा हार्डवेयर व साटवेयर कोपिटᅠके अलावा हैड आफिस से ाी जुड़ा होगा। हैड आफिस में बैठे अधिकारी ाी कार्यालय से बैठकर इसे आपरेट कर सकेंगे और जो चाहे निर्णय लेकर हाइजेकर्सᅠपर काबू पाया जा सकेगा।
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बोइंगᅠव एयरबेसᅠकंपनियों से चल रही बातचीत
अशोक कहते हैं कि उनकी इस तकनीक को लेकर विमान निर्माता कंपनी बोइंगᅠव एयरबेसᅠसे उनकी बातचीत चल रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो वह जल्द ही अपनी प्रजेंटेशनᅠदेंगे। उनका दावा है कि यह तकनीक देश के लिए बहुत काम आ सकती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे लब या सेंटर बनाए जाए, जहां सीチाकर युवा पीढ़ी आगे बढ़ सकें।
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