जींद : उनकी आंチाों का तारा छीन लिया गया, वह परिवार सहित एसएचओ से लेकर पुलिस महानिदेशक तक न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई न्याय नहीं मिल सका। आज तक उसके बेटे की हत्या के आरोपी सरेआम घूम रहे हैं। न्याय न मिलने की आस व निराश होकर मांबेटे ने अपनी जीवनलीला समाप्त करने की ठान ली और नतीजा फिर दो मौत। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि कृष्णा कालोनी निवासी रामदिया के जीवन में घटी कड़वी सच्चाई है। कृष्णा कालोनी निवासी रामदिया का बेटा व निजी स्कूल में संस्कृत अध्यापक मनजीत कुंडू ख्त्त् जनवरी ख्००ऽ को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था। इसके बाद उसका शव पांच दिन बाद पेटवाड स्थित हांसी ब्रांच नहर में रजवाहे में मिला था। मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर थी। मनजीत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। उन्होंने कुछ लोगों पर मनजीत की हत्या करने की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की गई। मनजीत के परिजनों ने पुलिस द्वारा कोई उचित कार्रवाई न करने पर शहर में कई बार प्रदर्शन ाी किए। इसके बाद उन्होंने ख्क् जुलाई ख्००ऽ से क्क् अगस्त ख्००ऽ तक न्याय की आस में डीजीपी कार्यालय पर धरना दिया था, लेकिन यहां पर ाी उनकी सुनवाई नहीं हुई। मृतक के पिता रामदिया ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने जबरन उन्हें धरने से उठाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर अंबाला जेल भेज दिया। इस मामले में उनकी पेशी चल रही हैं। वह गत क्ख् अटूबर को पंचकूला कोर्ट में पेश होकर ाी आए थे। उसने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी व बेटा मनजीत की हत्या को सहन नहीं सके और वह दिनरात मनजीत का याद करते रहते थे। उनकी आर्थिक हालत ाी काफी チाराब हो चुकी थी। इस कारण गत देर सायं उसकी पत्नी दयावंती तथा बेटे संदीप ने जहरीला पदार्थ チााकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.
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